Bill Gates Jeevan Parichay
पूरा नाम (Name) | विलियम हेनरी गेट्स |
जन्म (Birthday) | 28 अक्टूबर, 1955, सीटल, वाशिंगटन, अमेरिका |
पिता (Father Name) | विलियम एच गेट्स |
माता (Mother Name) | मैरी मैक्सवल गेट्स |
पत्नी (Wife Name) | मेलिंडा गेट्स, 1994 |
बच्चे (Childrens Name) | रोरी जॉन गेट्स, जेनिफर कैथरीन गेट्स , फोवे अडले गेट्स |
अपनी दरियादली के लिए पहचाने जाने वाले बिल गेट्स 28 अक्टूबर, 1955 को अमेरिका के वाशिंगटन के सीटल में जन्में थे। उनके पिता विलियम एच गेट्स एक प्रसिद्ध वकील थे, जबिक उनकी मां मैरी मैक्सवेल ”यूनाइटेड वे” एवं ”फर्स्ट इंटरस्टेट बैंक सिस्टम”की बोर्ड्स ऑफ डायरेक्टर्स में से एक थी। बिल गेट्स के अलावा उनकी दो बहनें भी थे। बिल गेट्स को बचपन में ट्रे नाम से पुकारा जाता था।
बिल गेट्स बचपन से भी पढ़ने में काफी होशियार औ विलक्षण प्रतिभा के बालक थे। उनकी शुरु से ही पढ़ने में काफी दिलचस्पी थी, वे घंटों घर में अकेले ही पढ़ा करते थे। इसके बाद साल 1968 में बिल गेट्स के माता-पिता ने उनका एडमिशन एक प्राइवेट स्कूल लेकसाइट स्कूल में करवा दिया।
शुरुआत में बिल गेट्स सभी विषयों में अच्छे थे, लेकिन गणित और विज्ञान में उन्होंने महारथ हासिल की थी। इसके अलावा वे स्कूल के अन्य एक्टिविटी में भी भाग लेते थे। वहीं बिल गेट्स के स्कूल में बच्चों को जब कंप्यूटर चलाना सिखाया जा रहा था, तभी से उनकी दिलचस्पी कंप्यूटर की तरफ बढ़ने लगी और वे अपना ज्यादा से ज्यादा समय कंप्यूटर के साथ ही व्यतीत करने लगे।
इसके बाद बिल गेट्स ने महज 13 साल की छोटी सी उम्र में प्रोग्रामिंग पर अपनी कमांड तेज कर ली और एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम यानि कि प्रोग्रामिंग कंप्यूटर बना दिया, जो कि ”Tic-Tac-Tow” के नाम से जाना गया। इसके बाद लगातार बिल गेट्स अपने स्कूल के कंप्यूटर पर कुछ नया करने एवं प्रोग्रामिंग बनाने की जुगत में रहते थे। वहीं जब वे हाईस्कूल में पहुंचे तब उन्होंने स्कूल के पेरोल प्रणाली को कम्पूयटरीकृत कर दिया था।
वहीं इसके बाद स्कूल में ही बिल गेट्स की मुलाकात पॉल एलन (Paul Allen) से हुई, जो कि उनसे सीनियर थे, पॉल की कम्यूटर में दिलचस्पी की वजह से दोनों एक-दूसरे के अच्छे दोस्त बन गए और फिर दोनों ही स्कूल की लैब में साथ-साथ वक्त गुजारने लगे और अपने स्कूल के कम्यूटर कंपनी के सॉफ्टवेयर के साथ सीखने के मकसद से छेड़खानी करते रहते थे, जिसके बाद स्कूल में कम्यूटर कंपनी ने कुछ समय तक रोक लगा दी।
हालांकि, कुछ समय बाद बिल गेट्स और पॉल दोनों को फिर से स्कूल की लैब में जाने की परमिशन इस शर्त पर दी गई थी कि वे प्रोग्राम से सभी एरर को निकाल दे। इस दौरान बिल गेट्स ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक ”Traf-O-Data” प्रोग्राम बनाया जो कि यातायात पैटर्न पर काम करता था और उसे बेहतर करने की कोशिश करता था। वहीं बिल गेट्सको इस प्रोग्राम को बनाने के लिए $20,000 मिले थे, और यही उनकी पहली कमाई थी।
साल 1973 में बिल ने अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली और फिर इसके बाद उन्होंने हॉवर्ड कॉलेज में एडमिशन लिया। अपने कॉलेज के दिनों में भी बिल गेट्स अपना ज्यादातर समय कंप्यूटर के साथ ही बिताते थे, फिर इसके बाद उन्होंने कॉलेज छोड़ अपने दोस्त एलन के साथ बिजनेस करने का फैसला लिया।
बिल गेट्स अपने स्कूल की पढ़ाई के दौरान ही कम्यूटर सॉफ्टवेयर बनाने में निपुण हो गए थे, जब वे महज 20 साल के थे, तभी अपने दोस्त पॉल एलन के साथ मिलकर साल 1975 में माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की थी, जो कि आज दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है। हालांकि शुरुआत में यह माइक्रो-सॉफ्ट के नाम से जानी जाती थी।
उन्होंने शुरुआत में माइक्रोकंप्यूटर की मशहूर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज ”बेसिक” नाम का प्रोग्राम बनाकर सफलता हासिल की और फिर इसके बाद कई अन्य कंपनी के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एवं ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलप करने लगे,जिसके चलते कुछ ही समय में उनकी माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने अपनी पहचान बना ली।
इसके बाद साल 1980 में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी में से एक IBM (इंटरनेशल बिजनेस ममशीन) ने माइक्रोसॉफ्ट से आईबीएम के नए पर्सनल कंप्यूटर के लिए बेसिक सॉफ्टवेयर बनाने की डील ऑफर की। इस डील के बाद बिल गेट्स की कंपनी ने आईबीएम के लिए PC Doc ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया।
बिल गेट्स ने 10 नवंबर, 1983 में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की घोषणा की और फिर इसके दो साल बाद 1985 में अपना पहला माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया। इसके बाद कुछ ही सालों में दुनिया के सभी पर्सनल कम्यूटर ने उनके इस ऑपरेटिंग सिस्टम Windows ने अपना कब्जा कर लिया।
माइक्रोसॉफ्ट ने अपने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के चलते सफलता की नई बुलिंदियों को छुआ। दऱअसल, पर्सनल कम्यूटर के करीब 90 फीसदी शेयर विंडोज के नाम हो गए और वहीं उस दौरान माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर बिल गेट्स थे। जिसके चलते बिल गेट्स को काफी फायदा हुआ और 1987 में करीब 32 साल की उम्र में वे दुनिया के सबसे अमीर शख्सियत बन गए और फिर लगातार 11 साल वे दुनिया के सबसे अमीर शख्सियत बने रहे।